सादर प्रणाम सभी लोगो को | कैसे है आप लोग? बचपन की तो बहुत सी यादे होती है|हर किसी का बचपन बहुत प्यारा होता है और आज भी हम जब baccho के साथ होते है तो अपना बचपन याद आता है | बस मैने सोचा इन्ही यादो को एक कविता का रूप दे दू|
वह भी बचपन का क्या जमाना था, पापा की प्यार भरी daat थी और मा की गोद का ठिकाना था, वह भी बचपन का क्या जमाना था, हर पल अपनो का साथ और khawbo भरा जमाना था, वह भी बचपन का क्या जमाना था, कभी-2 स्कूल ना जाने का एक झूठा बहाना था, पर पापा की daat से स्कूल तो जाना ही था, वह भी बचपन का क्या जमाना था, पापा की प्यार भारी daat थी और मा की गोद का ठिकाना था, हर रोज पापा की घर आने की राह देखना, और हर रोज कुछ नयी चीज़ पाने का जमाना था, वह भी बचपन का क्या जमाना था, मस्ती भरे दिन थे और khawbo भरा जमाना था, पापा की प्यार भारी daat थी और मा की गोद का ठिकाना था, अपनो से नाराज़ होना और किसी के मानने आने का जमाना था, वह भी बचपन का क्या जमाना था,
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